समाज में बढ़ती हिंसा: दोस्त ही बना कातिल, क्या इंसानियत का वजूद खतरे में है?
दिल्ली, जो कभी अपनी तहज़ीब और रौशनी के लिए मशहूर थी, आज एक नए अंधेरे से जूझ रही है—हत्या का अंधेरा। हर दिन किसी न किसी की जान ली जा रही है; कभी एक मासूम नाबालिग को मौत के घेरे में धकेल दिया जाता है, तो कभी एक महिला, पुरुष या बच्चे को बेरहमी से…