यूपीएससी में प्री क्लियर करके मेस की तैयारी कर रहे एक 21 वर्षीय छात्र का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मुखर्जी नगर इलाके में मिला है। मृतक की पहचान दीपक कुमार मीणा के तौर पर हुई है। वह पिछले दस दिन से मुखर्जी नगर इलाके से लापता थे। परिवार और पुलिस संभावित ठिकानों पर तलाश करते रहे, लेकिन शुक्रवार को दीपक का शव उस इंस्टिट्यूट की लाइब्रेरी से कुछ ही दूरी पर झाड़ियों में मिला, जहां से दीपक तैयारी कर रहे थे। शव मिलने के तुरंत बाद मुखर्जी नगर थाने की पुलिस ने फरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया। शव को पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया। पुलिस आत्महत्या और अन्य एंगल को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मृतक दीपक के पास से कोई स्यूसाइड नोट नहीं मिला है। घटनास्थल से लेकर उनके रूम तक हर जगह छानबीन कर ली है।
तफ्तीश
- पुलिस आत्महत्या और अन्य दूसरे एंगल को ध्यान में रखकर जांच कर रही है
- मृतक दीपक के पास से जांच के दौरान कोई स्यूसाइड नोट नहीं मिला है
पुलिस सूत्रों और परिजनों के मुताबिक, दीपक मूलरूप से राजस्थान के जिला दौसा के गांव बालिन के रहने वाले थे। पारिवारिक पृष्ठभूमि किसान की है। गांव में दीपक के परिवार में पिता चंदूलाल मीना, मां, दो बड़े भाई राकेश और दौलत और दो बहनें हैं। बेटे की मौत से गमगीन पिता चंदूलाल ने बताया कि दीपक ने यूपीएससी का ऑनलाइन कोर्स लेकर जयपुर में रहकर इसी साल प्री क्लियर किया था। जब प्री क्लियर हुआ तो उसी इंस्टिट्यूट ने मेंस की तैयारी के लिए दिल्ली बुला लिया। उनका बेटा दीपक पहली बार जुलाई महीने में दिल्ली के मुखर्जी नगर में आया था। वहां पीजी में रहकर तैयारी कर रहा था। पूरे दिन पढ़ाई के शेड्यूल के बाद वह रोज रात को करीब 8 बजे घर पर बात करता था। चंदूलाल के मुताबिक, आखिरी बार 10 सितंबर को रात 8 बजे बात हुई थी। इसके बाद 11, 12 सितंबर को फोन नहीं आया तो चिंता हुई। 13 सितंबर को उन्होंने फोन मिलाया तो दीपक का नंबर स्विच ऑफ था। जिसके बाद गांव के आठ-दस लोग दिल्ली आए। सबसे पहले मुखर्जी नभर पीजी पहुंचे। जहां दो रूममेट ने बताया कि वह 11 तारीख को 11 बजे के बाद से नहीं आया।
जिसके बाद परिजनों ने दीपक को आसपास खोजा। इंस्टिट्यूट में भी पता किया। लेकिन, कोई जानकारी नहीं मिली। पिता चंदू लाल ने 14 तारीख को मुखर्जी नगर थाने पहुंचकर बेटे दीपक कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने की कंप्लेंट दी। पुलिस ने मिसिंग कंप्लेंट दर्ज की। तब से परिजन अपने लेवल पर हर रोज दिल्ली के हर संभावित जगहों पर 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलकर खोज रहे थे। कैमरे की फुटेज भी चेक कराई। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पतालों में खोजा। शुक्रवार को उसी इंस्टिट्यूट की लाइब्रेरी से कुछ ही दूरी पर झाड़ियों में दीपक का शव मिला। पिता का कहना है कि जब दीपक ने प्री क्लियर किया था, पूरे गांव में – खुशियां मनी थीं। क्योकि गांव का वह ऐसा होनहार था, जिसने पहली बार यूपीएससी में प्री क्लियर किया। परिवार का आरोप इंस्टिट्यूट पर भी है, कि अगर कोई छात्र
■ क्लास में नहीं आ रहा है तो उनकी तरफ से परिवार को सूचना देनी चाहिए थी।
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