नई दिल्ली | 28 नवंबर: राजधानी दिल्ली के विकासनगर इलाके मे जनता ने 2 दिनों पहले ही वहा के विधायक की एंट्री पर प्रतिबंध लगाया। विधायक महेंद्र यादव आम आदमी पार्टी से विधायक है, पूरे विकासनगर मे हजारों समस्या देखि गई है इनदिनों
अभी कुछ दिनों पहले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरिवाल भी वहा गए थे, और उन्हे दूसरे पार्टी के लोगों ने काले झंडे दिखाए थे। आब जनता ने भी अपना रास्ता बदल दिया है, और चुनाव से पहले जनता ने कुछ ऐसे बड़े कदम उठाए है, जिससे इस बार महेंद्र यादव को टिकट मिलना भी मुश्किल लग रहा है।
विकासनगर: विधायक का नो-एंट्री जोन और जनता की नई पॉलिटिक्स!
विकासनगर के लोग इन दिनों राजनीति का नया अध्याय लिख रहे हैं। हालात यह हैं कि वहां के विधायक महेंद्र यादव (आप पार्टी) का हाल अब “नो एंट्री” वाले साइनबोर्ड जैसा हो गया है। जनता ने दो दिन पहले ही उनके इलाके में प्रवेश पर “राजनीतिक लॉकडाउन” लगा दिया।
विकासनगर की समस्याएं:
इस इलाके में समस्याओं का हाल यह है कि सड़कें गड्ढों से भरी पड़ी हैं, बिजली ऐसे गुल रहती है जैसे पंखा चलाने से बिजली को एलर्जी हो। पानी की पाइपलाइन से पानी नहीं, बल्कि अफवाहें बहती हैं कि “जल्द सुधार होगा”। हजारों मुद्दों से परेशान जनता अब बदलाव का मोर्चा खोल चुकी है।
महेंद्र यादव के लिए यह चुनावी सफर सास-बहू के झगड़े जितना पेचीदा हो चुका है। जनता ने पहले उन्हें अनदेखा किया, फिर सीधे बाहर का रास्ता दिखा दिया। विकासनगर के लोग कहते हैं, “विकास का नाम लेकर आए थे, पर नाम और काम में बेमेल निकले। अब तो हमारा विधायक वही बनेगा जो हमारी बात सुनेगा।”
अरविंद केजरीवाल का काला दिन:
बात यहीं खत्म नहीं होती। कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब वहां का दौरा करने पहुंचे, तो उन्हें भी दूसरे पार्टी के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखा दिए। केजरीवाल के लिए यह दौरा ऐसा साबित हुआ जैसे हल्दी के दूध में नमक पड़ गया हो।
जनता का नया ट्रेंड:
जनता अब सड़कों पर नाराजगी नहीं, बल्कि खुद चुनावी समीकरण सेट कर रही है। “नो एंट्री” की यह रणनीति सिर्फ गुस्से का इज़हार नहीं, बल्कि एक सख्त संदेश है कि इस बार वोट देना और लेना दोनों में कड़ी शर्तें लागू रहेंगी।
चर्चा यह भी है कि महेंद्र यादव का टिकट कटना लगभग तय है। अगर पार्टी ने उन्हें टिकट दे दिया, तो जनता के गुस्से का सामना पार्टी को भी करना पड़ सकता है।
विकासनगर के चाय के ठेलों पर चर्चा चल रही है कि विधायक जी अगले चुनाव में “बिना क्षेत्र में घुसे” डिजिटल प्रचार करेंगे। एक बुजुर्ग ने चुटकी ली, “अगली बार वोट मांगने आएंगे तो QR कोड लेकर आएंगे – स्कैन करो और चुपचाप वोट दो।
विकासनगर की राजनीति में जनता का यह कदम बाकी नेताओं के लिए भी चेतावनी है कि काम न करने का समय अब बीत चुका है। अगला चुनाव “जनता बनाम नेता” का होगा, और स्कोरकार्ड जनता ही तय करेगी।