नई दिल्ली | 1 नवंबर: भारत में त्यौहारों का मौसम जैसे ही शुरू होता है, दिवाली के बाद एक ऐसा पर्व आता है, जो खासतौर से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है—वह है छठ पूजा। यह पर्व विशेष रूप से बिहार के लोगों के लिए सर्वोच्च महत्व का है। यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि बिहार के सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है, जिसमें भक्तगण सूर्य देवता और उनकी पत्नी उषा को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं और विशेष प्रकार की पूजा-अर्चना करते हैं।
छठ पूजा की महत्वता
छठ पूजा सूर्योपासना का एक पर्व है, जिसमें सूर्य देवता को अर्घ्य देकर उनसे समृद्धि, स्वास्थ्य और परिवार की सुख-शांति की कामना की जाती है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है और इसमें भक्त पूरी निष्ठा और पवित्रता से उपवास रखते हैं। मान्यता है कि सूर्य भगवान जीवन के स्रोत हैं और उनकी उपासना से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, बल, स्वास्थ्य और जीवनदायिनी शक्ति प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक महत्व: छठ पूजा के दौरान नदियों, तालाबों या जलाशयों में जाकर स्नान करके, शुद्ध होकर, भक्तजन सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह एक आध्यात्मिक अनुष्ठान है जो न केवल तन की बल्कि मन की शुद्धता को भी दर्शाता है।
- सामाजिक महत्व: छठ पूजा का एक विशेष सामाजिक महत्व है। इसमें न केवल एक व्यक्ति बल्कि पूरा परिवार और यहां तक कि समाज एक साथ आता है। इसमें व्रती अपने परिवार के लिए तो सुख-समृद्धि की कामना करते ही हैं, साथ ही अपने समाज और समाज के हर व्यक्ति के लिए भी मंगल की कामना करते हैं।
- प्राकृतिक पूजा का प्रतीक: यह पर्व प्रकृति के पांच तत्वों—जल, वायु, अग्नि, आकाश और पृथ्वी—की भी उपासना का प्रतीक है। छठ पूजा में सादगी, शुद्धता और प्रकृति का विशेष ध्यान रखा जाता है। पूजा के प्रसाद में उपयोग होने वाले सभी पदार्थ प्राकृतिक होते हैं, जैसे कि गन्ना, नारियल, केला, हल्दी, अदरक, और विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक फल-फूल।
- स्वास्थ्य के लाभ: छठ पूजा के दौरान किया जाने वाला उपवास भी शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। व्रत के दौरान बिना जल के उपवास करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसके साथ ही सूर्य की उपासना से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और मन में प्रसन्नता आती है।
बिहार के लोगों के लिए छठ का महत्व
बिहार में छठ का एक गहरा सांस्कृतिक जुड़ाव है। बिहारी प्रवासी भले ही दुनिया के किसी भी कोने में हों, वे इस पर्व को बड़ी श्रद्धा और निष्ठा के साथ मनाते हैं। इसके लिए वे अपने घर-परिवार के साथ जुड़ते हैं और परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। छठ बिहारियों के लिए एक ऐसा पर्व है, जो उनके सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।
छठ पूजा न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में बिहारी समुदाय के साथ जुड़ी हुई एक अनमोल धरोहर है।