15 घंटे बाद कटी हुई उंगली को जोड़ा

सर्जरी के बाद ब्लड फ्लो शुरू, मरीज की उंगली में फिर से जान वापस आ गई

New Delhi | 18 October: दो टुकड़ों में कटी उंगली को 6 से 8 घंटे के वीच रीइंप्लांट के वेहतर रिजल्ट आते हैं। इंटरनैशनल गाइडलाइंस भी यही है और देश में इसके अनुसार ही इलाज होता है। अभी हाल ही राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक मरीज के कटी हुई कलाई को फिर से जोड़ने में डॉक्टरों को सफलता मिली थी। लेकिन किसी हादसे के 15 घंटे के वाद कटी हुई उंगली को जोड़ने में सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों को सफलता मिली है, जो अपने आप में रेयर है। सर्जरी के वाद उंगली में ब्लड फ्लो शुरू हो गया है, मरीज की उंगली में फिर से जान वापस आ गई है।

9 अक्टूबर को 28 साल की महिला रूपा मंडावली स्थित सोनिया विहार के अपने घर में थी। वह अपने 4 साल के वच्चे को पकड़ने की कोशिश कर रही थी कि इस दौरान महिला का हाथ फिसलकर वॉशिंग
मशीन में चला गया और उसके दाहिने हाथ की इंडेक्स फिंगर बुरी तरह से डैमेज हो गई। महिला की उंगली की स्किन छिल गई, उंगली केवल टेंडन यानी मांसपेशी के सहारे ही जुड़ी थी और वीच की हड्डी मिडिल फैलेक्स में फ्रैक्चर था। सफदरजंग अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर राकेश कैन ने वताया कि मरीज 9 अक्टूबर को रात 10 वजे सफदरजंग अस्पताल पहुंची। शुरुआती जांच के वाद डॉक्टर ने मरीज को सफदरजंग अस्पताल के वर्न और प्लास्टिक सर्जरी

विभाग में रेफर किया। लेकिन वह इलाज कराने के बजाय अपने घर चली गई। दूसरे दिन 10 अक्टूबर को सुवह 7 बजे इमरजेंसी में दोवारा पहुंची, जहां से उन्हें फिर से प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया। डॉ. शलभ कुमार, डॉ. राकेश कैन, डॉ. उपेंद्र शर्मा, डॉ. धृति और डॉ. नूपुर शामिल की टीम ने महिला की जांच के वाद इलाज शुरू किया।

डॉक्टर कैन ने वताया कि हमें यह संदेह था कि उंगली को फिर से जोड़ने के वाद उसमें जान आएगी या नहीं, ब्लड फ्लो होगा या नहीं। क्योंकि पूरी दुनिया में 6 घंटे के वाद रीइंप्लांटेशन सफल होते कम देखा गया है, व्लड सर्कुलेशन में दिक्कत आती है। अधिकतर समय 8 घंटे वीत जाने के वाद हम सर्जरी भी नहीं करते हैं। इस मामले में कुल मिलाकर करीब 15 घंटे वीत चुके थे। इसलिए सफलता को लेकर संदेह था। वावजूद हमने रीइंप्लांट करने का फैसला किया। मरीज को ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया और सर्जरी शुरू हुई। लगभग 3 घंटे की सर्जरी के वाद ब्लड वेसेल्स यानी खून की नली, जिसमें एक धमनी और एक नस शामिल थी, आपस में जोड़ने में सफल रहे। वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ. शलभ कुमार ने कहा कि व्लड वेसेल्स का आकार वहुत छोटा होता है, जैसे पतला धागा और यह एक वहुत ही जटिल प्रक्रिया है। 15 घंटे वाद – रीइंप्लटिशन वड़ी सफलता और उंगली के – रीइंप्लटिशन के क्षेत्र में मील का पत्थर है

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