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जल्द बनें अमीर’ सपना दिखा मज़दूरों से करोड़ों ठगे, अरेस्ट

नई दिल्ली | 9 अक्टूबर: को-ऑपरेटिव सोसायटी में मुनाफे का लालच दिखाकर दिहाड़ी मजदूरों से निवेश करा करोड़ों की ठगी करने वाले शख्स को आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान विनय कुमार मिश्रा के तौर पर हुई है।

आर्थिक अपराधों की दुनिया में एक और बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के डीसीपी विक्रम के पोरवाल के अनुसार, एक पीड़ित ने एक संगीन ठगी का आरोप लगाया है। यह मामला विनय कुमार मिश्रा नामक एक व्यक्ति से जुड़ा है, जिसने मिथिला को-ऑपरेटिव थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट सोसायटी के नाम पर लोगों से मोटे मुनाफे का लालच देकर करोड़ों रुपये हड़प लिए।

विनय कुमार मिश्रा ने खुद को सोसायटी का अध्यक्ष बताया और इस आड़ में कई लोगों से भारी निवेश करवा लिया। उन्होंने निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का वादा किया, जिससे लोग लालच में आकर अपनी गाढ़ी कमाई इसमें लगा बैठे। शुरुआती जांच के अनुसार, विनय कुमार मिश्रा ने कई लोगों से करोड़ों रुपये जमा करवाए और फिर अचानक से फरार हो गया।

इस ठगी की खबर तब सामने आई जब पीड़ितों में से एक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मई 2024 में इस मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि मिश्रा की धोखाधड़ी की यह योजना केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं थी। इसके शिकार कुल 45 लोग अब तक सामने आ चुके हैं। इनसे कुल 3.05 करोड़ रुपये की ठगी की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि, जांच अधिकारियों का मानना है कि यह रकम और भी अधिक हो सकती है, क्योंकि अभी कई और पीड़ित सामने आ सकते हैं।

मिथिला को-ऑपरेटिव थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट सोसायटी का नाम इस्तेमाल कर मिश्रा ने जिस चालाकी से इस ठगी को अंजाम दिया, वह बेहद संगठित और सुनियोजित नजर आता है। इस मामले की जांच अभी भी जारी है, और पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस घोटाले की पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी।

यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो बिना पूरी जानकारी और जांच-पड़ताल के निवेश करने की जल्दबाजी में रहते हैं। इस तरह के मामलों से सीख लेकर हमें समझदारी से निवेश करने और ठगी के जाल से बचने की कोशिश करनी चाहिए।

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि विनय कुमार मिश्रा ने ऐसे लोगों को शिकार वनाया, जो दिहाड़ी का काम करते हैं। उन्हें सब्जबाग दिखाया कि वे कुछ ही समय में अमीर वन सकते हैं।

इस वीच आरोपी को जव भनक लगी कि उसके खिलाफ मामला पुलिस में पहुंच गया है, तो वह अंडरग्राउंड हो गया। जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी पश्चिम बंगाल में कहीं छिपा हो सकता है।

पुलिस से वचने के लिए मोवाइल या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस यूज नहीं कर रहा था। टीम ने लोकल इंटेलिजेंस और सर्विलांस की मदद से आरोपी की लोकेशन का पता लगाया, जो कि जलपाईगुड़ी की मिली। इसके वाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 4 दिन की कस्टडी – मिली है। पुलिस ठगी गई रकम का पता लगा रही है।

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