New Delhi | 27 September: ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के वर्ताव में सुधार लाने और उसके जरिए सड़क दुर्घटनाएं कम करने के उद्देश्य से दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर ट्रैफिक वॉयलेशंस को रोकने और सड़क सुरक्षा को वढ़ावा देकर वर्तमान स्थिति में सधार लाने के लिए इंडेक्स लिंक्ड इंश्योरेंस प्रीमियम का प्रावधान करने का प्रस्ताव रखा है। एलजी का मानना है कि वित्तीय स्तर पर सख्ती वरतने का दृष्टिकोण अपनाने से जिम्मेदारीपूर्ण ड्राइविंग के व्यवहार को वढ़ावा मिलेगा। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और लोगों की जान बचाई जा सकेगी। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि वह इंडेक्स लिंक्स इंश्योरेंस प्रीमियम स्कीम लागू करने के लिए इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI को जल्द से जल्द एक नीतिगत ढांचा तैयार करने का प्रस्ताव पर विचार करने का अनुरोध किया है, जिसके तहत हाई स्पीड और लापरवाही से गाड़ी चलाने या अन्य ट्रैफिक वॉयलेशंस संबंधी अपराधों या रिकॉर्ड की हिस्ट्री रखने वाले वाहनों के लिए हाई इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करना होगा।
एलजी का मानना है कि ऐसा सिस्टम लागू करने से न केवल इंश्योरेंस लागत को ड्राइवर की वास्तविक जोखिम के समकक्ष लाया जा सकेगा, वल्कि यह वार-वार किए गए क्लेम की वजह से वीमाकर्ताओं पर पड़ने वाले वित्तीय वोझ को भी कम करेगा। अमेरिका समेत यूरोपीय देशों में अपनाई जाने वाली इस वित्तीय निवारक संचालित पद्धति (फाइनैंशल डेटरेंस ड्रिवन एप्रोच) से जिम्मेदार ड्राइविंग को बढ़ावा मिलेगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकेगी। साथ ही इंश्योरेंस क्लेम का भी कुशल प्रबंधन किया जा सकेगा।
एलजी ने ओवर स्पीडिंग और रेड लाइट जंप पर जताई चिंता : एलजी ने केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के हालिया डेटा का उल्लेख करते हुए ओवर स्पीडिंग और रेडलाइट जंपिंग की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई है, जो करीब 70 फीसदी भीषण सड़क दुर्घटनाओं की मुख्य वजह मानी जाती है। एलजी के मुताबिक, वर्ल्ड बैंक के डेटा एनालिसिस से पता चलता है कि कई बार ट्रैफिक वॉयलेशन करने वाली गाड़ियों का भीषण सड़क दुर्घटनाओं में शामिल होने का जोखिम साफ- – सुथरी ड्राइविंग का रिकॉर्ड रखने वाले – वाहनों की तुलना में 40 प्रतिशत ज्यादा – रहता है।
हादसे करने वाली गाड़ियों ने तोड़ा था रूल
एलजी ने ट्रैफिक पुलिस के डेटा के हवाले से यह भी बताया है कि 2023 में 60 प्रतिशत भीषण सड़क दुर्घटनाएं उन गाड़ियों से हुई हैं, जिनका पहले से ही किसी न किसी ट्रैफिक वॉयलेशन, मुख्य रूप से ओवर स्पीडिंग और रेडलाइट जंपिंग में चालान कट चुका है। ऐसी गाड़ी, जिनका एक साल में तीन या उससे अधिक बार चालान किया गया, उनकी भीषण सड़क दुर्घटनाओं में भागीदारी अन्य गाड़ियों की तुलना में ज्यादा पाई गई है।