दिल्ली का हवा-हवाई: एक दिन में 25 सिगरेट पीने जैसा
नई दिल्ली | 18 नवंबर: सोचिए, आप सुबह उठते ही बिना सिगरेट जलाए ही 25 सिगरेट पी रहे हैं! चौंक गए न? लेकिन दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण के स्तर ने हर नागरिक को यही अनुभव देने का ठेका ले लिया है। मौजूदा समय में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 से भी ऊपर जा पहुंचा है, जो सीधा आपके फेफड़ों पर धावा बोलता है।
दिल्ली के औद्योगिक इलाकों के आसपास की हवा ऐसी हो गई है कि सांस लेना किसी पुरानी फिल्म के धुएं भरे सीन जैसा लगता है। सरकार भी मानो आंखों पर धूल (या धुंआ?) चढ़ाए बैठी है। ‘हम करेंगे, हम करेंगे’ के बीच वादे तो बहुत हैं, लेकिन कदम ज़रा कम हैं।
दिल्लीवालों का यह अनचाहा सिगरेट कनेक्शन मज़ाक से परे, स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालता है। समय है कि हवा बदलने की बात न सिर्फ गानों में हो, बल्कि हकीकत में भी हो!
आपको यह पढ़ कर अजीब लग रहा होगा न की आप बीने धूमप्राण किए ही chain smoker कैसे बन गए, सोचिए अगर आप एक दिन 25 सिगरेट पीते है तो हफ्ते की कितने हुए, महीने के कितने और साल के कितने???……… घबराना नहीं है नीचे गए जानकारी को अपने निजी जीवन मे अपनाईए
यहां दिल्ली में वायु प्रदूषण और इसे नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में कुछ जानकारी दी गई है:
AQI
दिल्ली में मौजूदा वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 397 है, जो गंभीर माना जाता है।
वाहनों
दिल्ली में छह वायु प्रदूषकों में से तीन में वाहन सबसे बड़ा योगदानकर्ता हैं, जिनमें PM2.5, नाइट्रोजन ऑक्साइड और गैर-मीथेन वाष्पशील कार्बनिक यौगिक शामिल हैं।
प्रदूषण नियंत्रण
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
* लगातार पांच साल तक पटाखों पर प्रतिबंध
* मोबाइल स्मॉग गन से धूल-नियंत्रण अभियान लागू करना
प्रवर्तन दल का गठन
* छह प्रमुख प्रदूषकों की निगरानी
* रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 5 केवीए या इससे अधिक क्षमता वाले डीजी सेट के इस्तेमाल पर रोक
*डीजी सेटों के लिए ध्वनिक बाड़ों को अनिवार्य बनाना
* प्लास्टिक और कूड़े के ढेरों की पहचान करना और उन्हें हटाना
* सड़क के पैच और गड्ढों की पहचान करना और उनकी मरम्मत करना
* यातायात बिंदुओं पर भीड़ कम करना
* सड़कों को यंत्रवत् साफ करना
* सड़कों पर पानी का छिड़काव
* प्रदूषणकारी एवं अनाधिकृत उद्योगों को बंद करना
* उल्लंघन रोकने के लिए रात्रि गश्त
प्रदूषण के कारण
दिल्ली में वायु प्रदूषण कई कारकों से प्रभावित है, जिनमें शामिल हैं:
मानसून: मानसून के दौरान, बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएँ प्रदूषकों को बहा ले जाती हैं। हालाँकि, मानसून के बाद, पाकिस्तान, पंजाब और हरियाणा से आने वाली हवाएँ प्रदूषकों को फैलाने के लिए पर्याप्त तेज़ नहीं हैं।
खेत की आग: अक्टूबर में, हरियाणा और पंजाब में खेत की आग से धुआं निकलता है जो हवाओं द्वारा दिल्ली तक ले जाया जाता है।
व्युत्क्रम ऊंचाई: जैसे-जैसे तापमान गिरता है, व्युत्क्रम ऊंचाई कम हो जाती है, जिससे प्रदूषकों का फैलना कठिन हो जाता है।