श्रीकृष्ण जन्माष्टमी | 26 अगस्त: इस बार 26 अगस्त 2024 को देशभर में बड़ी ही धूमधाम के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। भगवान विष्णु ने धरती पर पाप और अधर्म का नाश करने के लिए हर युग में अवतार लिया है। विष्णु जी के एक प्रमुख अवतार भगवान श्रीकृष्ण हैं, जिनका जन्म मथुरा की राजकुमारी देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में हुआ था।
जन्माष्टमी का त्योहार हर साल भादव महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं क्यों मनाया जाता है ये पर्व और इसके महत्व के बारे में।
जन्माष्टमी का इतिहास
जन्माष्टमी का त्योहार सदियों से मनाया जा रहा है। ये पर्व हर साल बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कंस के अत्याचारों से धरती को मुक्त कराने के लिए भगवान विष्णु ने द्वापर युग में भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि पर कृष्ण के रूप में देवकी के गर्भ से जन्म लिया। कृष्ण के जन्म से लोक परलोक दोनों ही प्रसन्न हो गए थे। इस कारण कृष्म के जन्म के रूप में जन्माष्टमी का प्रव भादव महीने की अष्टमी तिथि को मनाया जानें लगा।
कृष्ण जन्माष्टमी महत्व
हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार का बहुत ही विशेष महत्व है। इस दिन भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा की जाती है। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है। इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा करने से और व्रत करने से साधक को संतान सुख की प्राप्ति होती है और इसके साथ ही उनकी सारी मनोकामना की पूर्ति होती है। जन्माष्टमी के दिन मध्यरात्रि में भगवान कृ्ष्ण के मंदिरों में विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। जन्माष्टमी के दिन बहुत सारी जगहों पर दही हांडी का भी कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसके साथ ही कृष्ण की बाल लीलाओं का भी आयोजन किया जाता है।
श्रीकृष्ण के जन्म की कहानी
श्रीकृष्ण के जन्म की कहानीका जन्म राजा कंस की जेल में हुआ, जो देवकी के भाई और मथुरा के अत्याचारी शासक थे। कान्हा का बचपन गोकुल में माता यशोदा और नंद बाबा की देखरेख में बीता। जन्म के तुरंत बाद, वासुदेव ने उन्हें कंस के भय से बचाने के लिए अपने चचेरे भाई नंद बाबा और यशोदा के पास छोड़ दिया था। इस प्रकार, श्रीकृष्ण का बचपन गोकुल में प्रेम और सुरक्षा के वातावरण में बीता, जहां उन्होंने अपने अद्भुत लीलाओं से सभी को चौंका दिया था।
श्रीकृष्ण ने अपने जन्म से लेकर जीवन के हर पड़ाव पर चमत्कार दिखाए हैं। उनके जीवन से जुड़े अनेक किस्से और कहानियां हैं, जो मानव समाज को मूल्यवान शिक्षाएं प्रदान करते हैं। श्रीकृष्ण ने अधर्म और पाप के खिलाफ सही मार्गदर्शन किया, जिससे धर्म की स्थापना हुई।
श्रीकृष्णा के जन्मदिन को पूरे भारत में एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर आइए आपको बताते हैं कृष्ण जन्माष्टमी के इतिहास और इसका महत्व के बारे में। कृष्ण जन्माष्टमी न केवल भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के रूप में उनकी महिमा को दर्शाती है, बल्कि ये हमें सत्य, धर्म, और न्याय के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित भी करती है।
कृष्ण जन्माष्टमी 2024 में 26 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। तिथि के अनुसार, जन्माष्टमी का व्रत और पूजा अष्टमी तिथि के दिन किया जाता है।
कब है कृष्ण जन्माष्टमी
2024 में अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह से शुरू होगी और 27 अगस्त तक रहेगी। इसलिए, अधिकांश स्थानों पर जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी।