Sharda Sinha Death News LIVE | November 6: शारदा सिन्हा: बिहार की लोकगायिका का निधन, अंतिम दर्शन के लिए पटना में पार्थिव शरीर रखा गया
मंगलवार की देर रात को शारदा सिन्हा का दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया. शारदा सिन्हा के निधन की खबर से पूरा देश शोकाकुल है. शारदा सिन्हा लोकगीत के साथ-साथ छठ व विवाह गीत के लिए भी जानी जाती थीं. शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने बताया कि पटना में अंतिम दर्शन के लिए शारदा सिन्हा के पार्थिव शरीर को रखा जाएगा.
भारतीय लोकसंगीत की जानी-मानी हस्ती शारदा सिन्हा का 5 नवंबर की रात को दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 72 वर्ष की थीं और लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थीं। उनकी मृत्यु की खबर से उनके प्रशंसकों के बीच गहरा शोक व्याप्त है। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पूर्वांचल के साथ-साथ देशभर में शारदा सिन्हा का स्थान लोकसंगीत के क्षेत्र में अद्वितीय था।
पटना में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा पार्थिव शरीर
शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने जानकारी दी कि उनके पार्थिव शरीर को पटना लाया गया है, जहाँ उनके चाहने वाले और प्रशंसक उन्हें अंतिम विदाई दे सकेंगे। पटना में उनके अंतिम दर्शन के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं ताकि अधिक से अधिक लोग अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें।
भारतीय लोकसंगीत की अनुपम धरोहर
शारदा सिन्हा के गीत, विशेषकर छठ और विवाह गीत, उनकी पहचान का अभिन्न हिस्सा बन गए थे। उनके गीतों में भारतीय लोकजीवन की सजीव झलक मिलती है। उनके द्वारा गाए गए छठ गीत जैसे “केलवा के पात पर” और “हमरे गौरा के बिरवा” आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं और विशेषकर छठ महापर्व पर हर घर में गूंजते हैं। उनका योगदान भारतीय लोकसंगीत को एक नई पहचान देने में रहा है।
देशभर में शोक की लहर
शारदा सिन्हा के निधन से बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में शोक की लहर है। बिहार के मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उनके प्रशंसक और चाहने वाले सोशल मीडिया पर अपने दुख व्यक्त कर रहे हैं। शारदा जी की आवाज और उनके गीत उनकी अनुपम धरोहर के रूप में हमेशा हमारे बीच रहेंगे।
शारदा सिन्हा के निधन से भारतीय संगीत जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है। उनका स्थान लोकसंगीत में कोई नहीं ले सकता। उनकी आवाज़ हमेशा हमारे दिलों में बसी रहेगी और उनके गीत उनकी विरासत को जीवित रखेंगे।