राहु को ज्योतिष में एक रहस्यमय और शक्तिशाली ग्रह माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव डाल सकता है। इसे एक “छाया ग्रह” के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह भौतिक रूप में मौजूद नहीं है, बल्कि यह चंद्रमा और पृथ्वी की कक्षाओं के संगम बिंदु को दर्शाता है।
राहु से जुड़े प्रभावों को संतुलित करने और इसके प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय उपयोगी हो सकते हैं:
1. माँ दुर्गा की पूजा
- माँ दुर्गा को राहु की अधिष्ठात्री देवी माना गया है।
- बुधवार को ‘ओम दुर्गायै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करना लाभकारी माना जाता है।
2. हेसोनाइट रत्न धारण करना
- राहु के रत्न गौमेद (Hessonite) को धारण करना शुभ माना जाता है।
- इसे धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें।
3. राहु मंत्र और स्तोत्र
- प्रतिदिन ‘ओम रां राहवे नमः’ मंत्र का जाप करें।
- राहु स्तोत्र का पाठ भी किया जा सकता है।
4. दान का महत्व
- राहु से संबंधित वस्तुओं का दान करें, जैसे काले तिल, तांबा, या राहु यंत्र।
- नीले और काले रंग की वस्तुओं का दान विशेष रूप से लाभकारी होता है।
5. रुद्राक्ष धारण करें
- राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए 8 मुखी रुद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है।
6. यज्ञ और हवन
- राहु शांति यज्ञ या हवन करने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- हवन सामग्री में राहु से संबंधित वस्तुओं को शामिल करना शुभ माना जाता है।
7. पक्षियों और जानवरों को भोजन कराना
- कौवे, कुत्ते, और अन्य जानवरों को भोजन कराना राहु के अशुभ प्रभावों को शांत करता है।
8. कर्म सुधार और ध्यान
- अपने कर्मों में सुधार लाने, ध्यान करने, और आत्मविश्लेषण करने से राहु के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
राहु के प्रभाव को समझने और उसका सामना करने के लिए वैदिक ज्योतिष की गहराई में जाना आवश्यक है। किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेकर अपनी कुंडली के अनुसार उचित उपाय अपनाना सबसे उपयुक्त रहेगा।