नई दिल्ली | सितंबर 18: बुलडोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा, बुलडोजर जस्टिस का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। अवैध ध्वस्तीकरण का एक भी मामला है तो यह संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। अगली सुनवाई की तारीख 1 अक्टूबर तक कोर्ट की इजाजत के विना कोई तोड़फोड़ नहीं की जाएगी। यह आदेश सड़क, फुटपाथ पर वने अवैध ढांचों पर लागू नहीं होगा। सभी पक्षों को सुनने के वाद गाइडलाइन जारी
होगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि संपत्तियों के ध्वस्त करने का नैरटिव गढ़ा जा रहा है। वेंच ने कहा, आप वेफिक्र रहे, वाहरी शोर हमें प्रभावित नहीं करता। किसी का मकान सिर्फ इसलिए कैसे गिराया जा सकता है कि वह एक आरोपी है?
सॉलिसिटर जनरल ने आदेश को लेकर कहा कि इस तरह संवैधानिक संस्थाओं के हाथ नहीं बांधे जाने चाहिए। कोर्ट ने कहा, ‘2 हफ्ते कार्रवाई नहीं होगी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा। आप अपने हाथ रोक दीजिए।’ यूपी समेत कई राज्यों में बुलडोजर के खिलाफ दाखिल जमीयत उलेमा- ए-हिंद और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया।
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