बीच रास्ते सवारियां चढ़ाने पर सख्त एक्शन, ज़ब्त होंगी बसें

नई दिल्ली | 19 सितंबर: सड़कों पर वीच रास्ते में वसें रोककर सवारियां चढ़ाने और उतारने वाले वस ऑपरेटरों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ट्रांसपोर्ट विभाग ने बुधवार को एक सर्कुलर जारी करके साफ कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करके वीच रास्ते से सवारियां पिक या ड्रॉप करने वाली वसों को जब्त कर लिया जाएगा और उनके खिलाफ परमिट नियमों के उल्लंघन के तहत कार्रवाई की जाएगी। वस का चालान काटने के अलावा उसका परमिट भी सस्पेंड या कैंसल किया जा सकता है और वस को भी लंबे समय तक जब्त करके रखा क जा सकता है। ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग की एनफोर्समेंट विंग को निर्देश दिया था गया है कि इस आदेश का सख्ती से पालन उव सुनिश्चित करें।

दिल्ली की कई प्रमुख सड़कों पर सिर्फ इसलिए ट्रैफिक डिस्टर्व होता है, क्योंकि कई सारी प्राइवेट वसें वीच रास्ते में रुक कर वहां से सवारियां पिक या ड्रॉप करती हैं। कई इलाकों में तो अवैध वस स्टैंड तक वन गए हैं। रात में तो इसकी वजह से भारी जाम लग जाता है। यात्रियों में कई ऐसे होते हैं, जिनकी टिकट भी पहले से वुक नहीं होती है। वस ऑपरेटर स्टैंड फीस वचाने के लिए वस अड्डों के अंदर से ऑपरेट करने के वजाय उनके वाहर या आस-पास की सड़कों से वसें ऑपरेट करते हैं।

पिछले दिनों एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था पर रिव्यू मीटिंग करते वक्त वसों के अवैध पिक एंड ड्रॉप

को लेकर नाराजगी जताई थी और इस पर सख्ती से रोक लगाने का निर्देश दिया था। एलजी ने वाकायदा कुछ जगहों का हृदाहरण देकर अधिकारियों को बताया था कि किस तरह वहां वसें अवैध तरीके से रुक कर सवारियां पिक या ड्रॉप करती हैं। एलजी के निर्देश पर अमल करते हुए वुधवार को ट्रांसपोर्ट विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों, मोटर वीकल एक्ट और सेंट्रल मोटर वीकल रूल्स और ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट रूल्स का हवाला देते हुए सभी प्रकार की ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली वसों, इंटर स्टेट टूरिस्ट वसों, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट वाली वसों और सरकारी वसों के संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां वस अड्डे के अंदर से ही सवारियां पिक या ड्रॉप करें।

सर्कुलर हुआ जारी

  • सस्पेंड या कैंसल किया जा सकता है परमिट, ट्रांसपोर्ट विभाग का सर्कुलर जारी
  • किसी भी पब्लिक प्लेस से सवारियां उठाने या ड्रॉप करने की इजाजत नहीं होगी
  • बसें केवल उन यात्रियों को ही ले जा सकेंगी, जिन्होंने पहले से टिकट बुक कराई होगी
  • बैटरी से चलने वाली इंटरस्टेट बसों को भी नियमों मानना होगा

किस अनदेखी का फायदा उठा रहे बस वाले ?
दिल्ली में प्राइवेट बस ऑपरेटर केवल अवैध स्टैंडों से पैसेंजर्स ही नहीं उठा रहे, बल्कि इन बसों का इस्तेमाल माल ढुलाई में भी हो रहा है, जबकि पैसेंजर बसों में माल ढुलाई की इजाजत नहीं है। ज्यादातर बसों के ऊपर या अंदर सामान भरा रहता है, जिसकी आमतौर पर कहीं कोई चेकिंग होती नहीं दिखाई देती। पुलिस की निगरानी और हादसा होने पर पहचाने जाने से बचने के लिए बस ऑपरेटरों ने एक और नुस्खा निकाला हुआ है। बुरी नजर के नाम पर बस की नंबर प्लेट पर काली चोटी लटका दी जाती है, जिससे बस का रजिस्ट्रेशन नंबर ही नहीं दिखाई देता। जहां-जहां से ये बसें सवारियां उठाती हैं, वहां आसपास कई सारे अवैध दुकानें भी खुली हुई हैं, जहां बस ऑपरेटरों के कर्मचारी बैठे रहते हैं और ऑन स्पॉट सवारियों की बुकिंग लेते रहते हैं। ये बस ड्राइवर के लिए खबरी का काम भी करते हैं और चेकिंग होने पर पहले से ही उन्हें अलर्ट भी कर देते हैं। ये सब खुलेआम हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग इस पर प्रभावी तरीके से रोक नहीं लगा पा रहे।

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