New Delhi | 11 November: नांगलोई के राजेंद्र पार्क एक्सटेंशन स्थित गंदे नाले में शुक्रवार दोपहर एक वच्चा गिर गया। मामले की सूचना मिलते ही मौके पर लोकल पुलिस व दमकल विभाग की टीम पहुंची। एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे के शव को नाले से वरामद किया गया। जांच में मृतक की पहचान विकास (12) के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि विकास नाले के किनारे चल रहा था, आशंका है कि पैर फिसलने के कारण वह नाले में गिर गए। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
पुलिस और दमकल विभाग के अनुसार, शुक्रवार दोपहर करीव 3:45 पर सूचना मिली कि राजेंद्र पार्क एक्सटेंशन स्थित गंदे नाले में एक बच्चा गिर गया है। मौके पर पहुंचे लीडिंग फायरमैन सुरेंद्र कुमार ने बताया कि नाला 12 से 15 फुट गहरा है। आसपास के लोगों ने जहां बच्चे के गिरने के वारे में वताया, वहां से वच्चा करीव 15 मीटर दूर मिला। सुरेंद्र के अनुसार वेल हुक की सहायता से दमकलकर्मियों ने वच्चे को एक घंटे की कड़ी मशक्कत के वाद नाले से बाहर निकाला।
नाले में कुड़ा पड़ा होने के कारण वच्चे को तलाशने में काफी दिक्कत आई। वहीं पुलिस ने बच्चे को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस के मुताविक बच्चा परिवार के साथ राजेंद्र पार्क सी ब्लॉक में परिवार के साथ रहता था। वह पास के स्कूल में छठी क्लास का स्टूडेंट था। पिता रणवीर प्राइवेट काम करते हैं। जांच में पता चला है कि वव्ये के गिरते ही स्थानीय महिला अंजू ने लोगों के साथ मिलकर लकड़ी नाले में डालकर वच्चे को वचाने की कोशिश की थी, लेकिन वच्चा लकड़ी को पकड़ नहीं पाया और डूब गया, जिसके सूचना पुलिस व दमकल विभाग को दी गई।
नांगलोई के राजेंद्र पार्क एक्सटेंशन स्थित गंदे नाले में गिरा था बच्चा
गाय को रोटी देने गए थे विकास विकास के पिता रणवीर का रो-रोकर बुरा हाल है। मूलरूप से भिवानी के रहने वाले रणवीर का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण वेटे की मौत हुई है। रणवीर ट्रांसपोर्ट में काम करते हैं। विकास उनका वड़ा वेटा था। पढ़ने में काफी तेज था। दोपहर को स्कूल से आने के बाद वह गय को रोटी देने नाले के पास गया था। नाले के पास हमेशा गाय खड़ी होती है। घटना के वक्त वह काम पर थे। शाम के समय उन्हें परिवारवालों ने वताया कि विकास नाले में डूब गया है। रणवीर का कहना है कि अगर प्रशासन अपना काम सही तरह से करती तो आज उनका विकास जिंदा होता। यह नाला पूरी तरह से खुला हुआ है। वहीं, स्थानीय निवासी अभय का कहना है कि इस नाले में
हमेशा गिरने का डर बना रहता है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिसलकर नाले में गिरने के वाद विकास ने तचाने के लिए शोर मचाया। इस दौरान नाले के पास स्थित घर के सामने अंजू सब्जियों खरीद रही थीं। उन्होंने लड़के को मदद के लिए चिल्लाते हुए सुना। वह तुरंत भागकर नाले के पास पहुंचे। उसने वताया कि नाला दलदली है। इसकी वजह से वह करीब नहीं जा सकी
‘अगर बाउंड्री वॉल होती तो boundary wall नाले में नहीं गिरता बच्चा’
बच्चे की मौत के लिए स्थानीय लोग ठहरा रहे हैं प्रशासन को जिम्मेदार
और सरकार जाग जाए और नाले के दोनों तरफ वाउंडी बनाने का काम शुरू हो जाए।
बच्चे की मौत के लिए स्थानीय लोग प्रशासन को, संबंधित डिपार्टमेंट को और जनप्रतिनिधि को जिम्मेदार ठहरा रहे है। उनका कहना है कि कई साल हो गए नाले पर बाउंड्री नहीं है, इसी वजह से यह हादसा हुआ है। अगर वाउंड्री रहती तो बच्चा नाले में नहीं गिरता और उसकी जान नहीं जाती।
राजेंद्र पार्क एक्सटेशन निवासी सुरेश मुल्तानी ने कहा कि यह जगह मुंडका विधानसभा के अंतर्गत है। लगभग 8 से 10 साल होने को है, लेकिन वाउंड्री वॉल नहीं बनाया गया है। आज यह हादसा हो गया तो पुलिस, फायर ब्रिगेड और सारा प्रशासन मौके पर पहुंच गया। लेकिन इस हिसाव से पहले किसी का ध्यान नहीं गया। शायद इस हादसे के बाद प्रशासन
मौक पर मौजूद महिला चंदा ने कहा कि बच्चे का पैर फिसल गया था। उसे तचाने की कोशिश की गई, लेकिन तवतक वच्या नाले में इन गया। उसकी मौत का जिम्मेदार कौन है, यह सरकार को तय करना चाहिए, क्योंकि इस नाले में अक्सर हादसे होते रहते हैं। कई वार मवेशी भी डूब चुके हैं, लेकिन किसी का ध्यान इस पर नहीं जा रहा। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मौके पर पहुंचे सव अफिसर जगवीर ने बताया की जब तच्चा वृता तो महिला ने कोशिश की, लेकिन वह कामयान नहीं हो सकी। लोगों ने एक शख्स को भी नाले में भेजा तव भी पता नहीं चल पाया। क्योंकि नाला काफी गहरा है, ऊपर से कूड़ा-कचरा भरा हुआ है और नेचे से गहरा है।