राजधानी दिल्ली मे भारी बारिश के कारण राजेन्द्र नगर इलाके के एक कोचिंग संस्थान के पार्किंग एरिया मे मिली 3 छात्रों की लाश
नई दिल्ली | 28 जुलाई: बारिश! बारिश सुनकर आपके दिमाग मे क्या आता है, वही जो आपके मन भी अभी या रहा है, ठंडी हवा, गरम चाय के साथ पकोड़े और भी ढेर सारी चीजे, हम सभी को बारिश का इंतेजार रहता है, शहर से लेकर गाँव तक, मगर दिल्ली के राजेन्द्र नगर इलाके मे कोचिंग ले रहा एक युवक उसके लिए शनिवार देर शाम हुई भारी बारिश उसके लिए मौत का बुलावा था।
गलिमत तो तब हुई जब दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी खुद इस बात को अपने सोशल मीडिया X पोस्ट के माध्यम से यह खबर दे रही है
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश का पानी भरने से तीन लोगों की मौत हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। मृतकों की पहचान हो चुकी है और उनकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। तीनों की उम्र 25 से 28 साल के बीच थी।
मृतकों की हुई पहचान
- तानिया सोनी, उम्र 25 साल, पिता का नाम- विजय कुमार
- श्रेया यादव, उम्र 25 साल
- नेविन डालविन, उम्र 28 साल, केरल
पोस्टमार्टम लगभग 10:30 बजे शुरू होगा। मृतक श्रेया यादव के पिता का नाम राजेंद्र यादव है। श्रेया ने जून/जुलाई 2024 में ही कोचिंग सेंटर में एडमिशन लिया था। श्रेया उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के बरसावां हाशिमपुर, अकबरपुर की रहने वाली थी।
सांसद स्वाति मालीवाल ने उठाए सवाल
सांसद स्वाति मालीवाल ने इस घटना को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “राजधानी में तीन छात्रों की बेसमेंट में डूबने से हुई मौत की ज़िम्मेदारी कौन लेगा? बताया जा रहा है कि स्टूडेंट्स दस दिन से बार-बार ड्रेन साफ करने की डिमांड कर रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अवैध बेसमेंट बिना भ्रष्टाचार के कैसे चल सकते हैं? एक्स्ट्रा फ्लोर कैसे डल जाते हैं? कैसे हो सकता है कि बिना पैसे खाये सड़क-नालियों के ऊपर कब्जे हो जाते हैं?”
उन्होंने आगे कहा, “स्पष्ट है कि कोई सेफ्टी रूल्स को पालन करने की ज़रूरत नहीं, पैसा दो, काम हो जाता है। बस हर दिन AC रूम में बैठके महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहो। ग्राउंड पर कोई काम करने को तैयार नहीं है। कुछ दिन पहले पटेल नगर में करंट लगने से हुई मौत से भी कुछ नहीं सीखा?”
क्या है पूरा मामला?
जांच में सामने आया है कि बेसमेंट में एक लाइब्रेरी थी, जिसमें आमतौर पर 30 से 35 बच्चे होते थे। अचानक से बेसमेंट में पानी तेजी से भरने लगा। छात्र बेसमेंट में बेंच के ऊपर खड़े हो गए। पानी के दबाव से बेसमेंट में लगे कांच फटने लगे। बच्चों को रस्सियों के सहारे बाहर निकाला गया। शाम सात बजे लाइब्रेरी बंद हो जाती है और हादसा भी इसी समय हुआ।