दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आदेश दिया है कि दिल्ली महिला आयोग के सभी संविदा कर्मियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाए। इस आदेश का पालन करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।
नई दिल्ली | अक्टूबर 24: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बड़ा आदेश दिया है। उन्होंने दिल्ली महिला आयोग के सभी संविदा कर्मियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। एलजी की मंजूरी के बाद डब्ल्यूसीडी मंत्रालय के अप्रैल 2024 के आदेश के अनुपालन में यह आदेश पारित किया गया है। महिला आयोग के संविदा कर्मियों की भर्ती को लेकर लंबे वक्त से विवाद चला आ रहा है।
एलजी की मंजूरी के बाद आदेश जारी
दिल्ली महिला आयोग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त निदेशक, जीएनसीटीडी के दिनांक 29.04.2024 के आदेश के अनुपालन में, जिसके तहत उपराज्यपाल दिल्ली द्वारा डीसीडब्ल्यू को इस आयोग में कार्यरत सभी संविदा कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिन्हें किसी भी समय डीसीडब्ल्यू द्वारा नियुक्त किया गया है, सभी संविदा कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती हैं।
DCW Assistant Secretary issues an order to remove all contractual employees DCW contractual employees with immediate effect. Order passed in compliance with the WCD Ministry April 2024 order, with approval of Delhi LG
स्वाति मालीवाल ने फैसले को वापस करने की अपील की
इस बीच दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल का भी बयान सामने आया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “मैं डीसीडब्ल्यू में कार्यरत मेहनती संविदा कर्मचारियों को अचानक हटाए जाने की कड़ी निंदा करता हूं। इन लोगों ने राजधानी में महिलाओं के लिए काम करने में अपना दिल और आत्मा लगा दी है। दरअसल, जब से दिल्ली सरकार ने इनका फंड बंद किया है, तब से ये कई महीनों से बिना वेतन के काम कर रहे हैं। डीसीडब्ल्यू के वर्तमान सदस्य सचिव का यह आदेश गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण है। मैं दिल्ली सरकार और माननीय एलजी से अपील करती हूं कि इस आदेश को तत्काल वापस लिया जाए और आयोग के कर्मचारियों को बहाल किया जाए। दिल्ली सरकार को दिवाली से पहले उन्हें वेतन भी देना चाहिए।”
इसी साल 223 कर्मियों को हटाया गया था
इसी साल मई में दिल्ली के एलजी के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग से 223 कर्मचरियों को तत्काल प्रभाव से हटाया गया था। आरोप था कि दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान नियमों के खिलाफ जाकर बिना इजाजत इन कर्मचारियों की नियुक्ति की थी। कहा गया था कि महिला आयोग की अध्यक्ष को संविदा पर कर्मचारी रखने का अधिकार नहीं है।