नई दिल्ली | 9 दिसंबर: दिल्ली चुनाव हमेशा से ही देश में “हॉट-टॉक” का विषय रहा है। इसके साथ ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है, क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस जैसी पार्टियों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। पार्टियां दिल्ली चुनाव 2025 के लिए जोरों शोरों से तैयारी में जुट गई है।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि राष्ट्रीय राजधानी में यह चुनाव कब होंगे? रिपोर्टों और पिछले चुनावों के आकलन के अनुसार, दिल्ली में विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने की संभावना है। हालांकि, भारत के चुनाव आयोग ने अभी तक दिल्ली की 70 सीटों वाली विधानसभा के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है।
पिछले विधानसभा चुनाव फरवरी 2020 में हुए थे, जिसमें सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने 70 में से 63 सीटें हासिल करके भारी जीत हासिल की थी। भाजपा सात सीटें जीतने में सफल रही, जबकि कांग्रेस पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई।
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ हद तक 2020 के जैसे ही थे। 2015 में AAP ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया था। तथाकथित राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी ने 3 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 0 सीटें मिली थीं।
हालाँकि, यह लगभग 10 साल पहले की बात है। पिछले 10 सालों में राष्ट्रीय राजधानी में कई ऐसी घटनाएँ हुई हैं, जिन्होंने सत्ता विरोधी भावना पैदा की है। इन पिछले 10 सालों में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने क्रमशः मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
दिल्ली के कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को जेल भेज दिया गया था। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दोनों ने गिरफ्तार किया था। इसी मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा पार्टी के कई अन्य नेताओं को की मामले में जेल भेजा गया, जिनमें सत्येंद्र जैन, कैलाश गहलोत, अमानतुल्लाह खान आदि जैसे नाम शामिल हैं।
और तो और, हाल ही में पार्टी को बड़ा झटका लगा है, जब वरिष्ठ पार्टी नेता कैलाश गहलोत ने पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी का जॉइन कर लिया। उन्होंने कई चिंताओं का हवाला दिया, जिसमें पार्टी द्वारा विकास की अनदेखी करना और राजनीतिकरण पर अधिक ध्यान देना शामिल है।
राष्ट्रीय राजधानी में आप-बीजेपी के बीच बड़ी खींचतान चल रही है, जो दिल्ली के नागरिकों के लिए बहुत स्पष्ट है।
आपको बता दें की 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी सात सीटों पर कब्जा कर लिया था, लेकिन बात यह है कि 2015 में भी यही स्थिति थी, लेकिन इसके बाद भी पार्टी विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाई थी।
बैरहाल, आम आदमी पार्टी ने छतरपुर, किराड़ी, विश्वास नगर, रोहताश नगर, लक्ष्मी नगर, बदरपुर, सीलमपुर, सीमापुरी, घोंडा, करावल नगर और मटियाला सीटों की 11 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
आप से – छतरपुर से ब्रह्म सिंह तंवर, किराड़ी से अनिल झा, विश्वास नगर से दीपक सिंगला, रोहताश नगर से सरिता सिंह, लक्ष्मी नगर से बीबी त्यागी, बदरपुर से राम सिंह नेताजी, सीलमपुर से चौधरी जुबैर अहमद, सीमापुरी से वीर सिंह धिंगान, घोंडा से गौरव शर्मा, करावल नगर से मनोज त्यागी और मटियाला से सुमेश शौकीन।
इन घटनाक्रमों के बीच, ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली में भाजपा मजबूत स्थिति में आ गई है, क्योंकि दिल्ली सरकार की जवाबदेही की कमी और उनके मुद्दों, जैसे पानी की कमी, वायु प्रदूषण, सफाई, जल निकासी, सड़क, बुनियादी ढांचे आदि के प्रति लापरवाही ने नागरिकों के बीच सत्ता विरोधी भावना पैदा की है।
भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत करने और राष्ट्रीय राजधानी के लोगों से समर्थन हासिल करने के लिए पहले ही अपना “ऑटो अभियान” शुरू कर दिया है, जबकि आप ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को निशाना बनाने और दिल्ली सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को रेखांकित करने के लिए अपना “रेवड़ी पे चर्चा” अभियान शुरू किया है।
फिलहाल, प्रदेश के नागरिक भारत के चुनाव आयोग की ओर से चुनाव की तारीखों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। आयोग द्वारा जल्द ही चुनाव की तारीखों की घोषणा किए जाने की संभावना है।
Follow on: Instagram- https://www.instagram.com/thejhuthnews/
Follow on: Twitter (X)- https://x.com/Thejhuthnews
Follow on: Facebook- https://www.facebook.com/profile.php?id=61560353206985