नई दिल्ली | 8 दिसंबर: भारत के गृह मंत्री अमित साह पर बड़े इल्जाम लगाए गए है, लगातार दिल्ली मे हत्या का स्तर बढ़ते जा रहा है, प्रतिदिन खबरे आते है, इनमे से कई ऐसे भी घटना है जो की धाकिल भी नहीं होते। आज AAP ने अपने सोशल मीडिया ‘X’ के माध्यम से एक पोस्ट बनाते हुए क्या कुछ कहा;
यह छवि दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर एक आलोचनात्मक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करती है, जिसमें हिंसा और अपराधों की घटनाएं प्रमुख रूप से सामने रखी गई हैं। आइए इस पर एक रचनात्मक लेख तैयार करें:
दिल्ली की सुरक्षा का सवाल: एक खामोश हत्यारा
दिल्ली, जो कभी अपनी संस्कृति, कला और विकास के लिए जानी जाती थी, अब अपराध और भय का पर्याय बनती जा रही है। हाल की घटनाओं ने राजधानी के नागरिकों को गहरी चिंता में डाल दिया है।
खौफनाक घटनाएं:
- नेब सराय: एक घर के तीन लोगों की हत्या। परिवार के सपने चकनाचूर।
- गौतमपुरी: सड़क पर खुलेआम हमला। मासूम लोगों की मौत, और कानून मौन।
- मॉर्निंग वॉक पर गोलीबारी: सुबह की सैर अब खतरे से भरी हुई है।
इन घटनाओं ने केवल सवाल उठाए हैं कि आखिर क्यों राजधानी में अपराध का ग्राफ इतना ऊपर जा रहा है?
सवाल ये है की आखिर इन सभी बढ़ते अपराध का जिम्मेदार अमित शाह को क्यू बनाया जा रहा है, लगातार AAP और BJP एक दूसरे पर आरोप का खेल खेलते रहते है, जिसकी वजह से आम आदमी को भुगतना पढ़ता है। जब कोई घंबही अपराध होता है तब कितनी अफवाह भी उड़ते है और लगातार दर का माहौल भी पैदा होता है।
कानून की धज्जियां
इस अराजकता में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या दिल्ली की कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है? अपराधियों को रोकने वाला कोई नहीं है, और जनता खुद को असहाय महसूस कर रही है।
समाज की भूमिका
इस विकट स्थिति से उबरने के लिए समाज और सरकार दोनों को मिलकर काम करना होगा। यह समय है जब एक मजबूत, निष्पक्ष और प्रभावी कानून व्यवस्था की नींव रखी जाए।
दिल्ली को एक बार फिर से ‘दिल वालों की दिल्ली’ बनाने के लिए, हर नागरिक को जागरूक होना होगा और कानून को मज़बूत करने के प्रयासों में योगदान देना होगा।
यह लेख इस बात पर जोर देता है कि दिल्ली की कानून व्यवस्था को तत्काल सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।