नई दिल्ली | 20 नवंबर: देश के राजधानी दिल्ली की लाइफ्लाइन कही जानी वाली दिल्ली मेट्रो के बाद किसी का नाम आता है तो वो है DTC बस। दिल्ली के सभी डेपो पर इन दिनों DTC के ड्राइवर और कन्डक्टर हड़ताल पर है, इस वजह से यात्रा करने वाले लोगों को, प्रतिदिन सुबह काम पर जाने वाले लोगों को, मुफ़्त सेवा लेने वाली महिलाओं को और झोला भर कर अपने दुकान का समान दूसरे स्थान पर ले जाने वाले लोगों को काफी तकलीफ हो रही है, रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के सभी डेपो पर सावरियों की लंबी कतार देखने को मिली, घंटों तक इंतज़ार करने के बाद भी कोई बस न आने पर लोगों को ऑटो, टैक्सी या फिर अनलाइन सर्विसेज़ की मदद लेनी पड़ी, जहां 10 रुपए मे काम चल जाता था वहा लोगों को 50 रुपए खर्चने पड़ रहे है।
सभी डेपो के DTC कर्मचारी की मांग यह है की सामान्य काम- सामान्य वेतन अब इसका अर्थ क्या है? DTC मे कुछ कर्मचारियों की पक्की नौकरी है, जिसे सरकारी नौकरी कहते है, और कुछ कर्मचारियों की कच्ची नौकरी है जो की किसी प्राइवेट कंपनी द्वारा कान्ट्रैक्ट पर आए है, उनकी बहाली बहुत ही सामान्य तरीके से की गई भर्ती करने पहले उन्हे कहा गया था की बहुत जल्द आपकी पक्की नौकरी हो जाएगी मगर आज तक ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसकी वजह से ये सभी लोग सरकार से पक्की नौकरी की मांग कर रहे है।
“कब तक चलेगा ये ड्रामा?”
सरकार ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। शायद वे अभी गणना कर रहे हैं कि DTC को चलाने से ज्यादा फायदेमंद है या इसे रोके रखने से! उधर, यात्रियों को लग रहा है कि वे जिंदगी की “सामान्य यात्रा-सामान्य किराया” में कभी लौट भी पाएंगे या नहीं। आखिर में, इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया कि दिल्ली की लाइफलाइन अब मेट्रो ही बची है, क्योंकि DTC की लाइन पर सिर्फ धूल उड़ रही है।